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प्रधानमंत्री वन धन विकास योजना 2024: ऑनलाइन आवेदन फॉर्म, लाभ व पात्रता

Pradhan Mantri Van Dhan Yojana:- भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा भीमराव अंबेडकर के जन्मदिन के शुभ अवसर पर प्रधानमंत्री वन धन विकास योजना का शुभारंभ किया गया है। इस योजना के माध्यम से आदिवासी समाज का विकास होगा एवं उनकी आय में वृद्धि की जाएगी। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से‌ प्रधानमंत्री वन धन विकास योजना 2024 से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी जैसे की योजना का उद्देश्य, लाभ, विशेषताएं, पात्रता, महत्वपूर्ण दस्तावेज़, आवेदन की प्रक्रिया स्पष्ट करने जा रहे हैं।‌ Pradhan Mantri Van Dhan Yojana 2024 से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए आपको हमारा आर्टिकल अंत तक विस्तार पूर्वक पढ़ना होगा।



Pradhan Mantri Van Dhan Yojana

इस योजना का संचालन भारत सरकार द्वारा 14 अप्रैल को किया गया है। सरकार द्वारा Pradhan Mantri Van Dhan Yojana योजना के माध्यम से आदिवासियों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी एवं उनका विकास किया जाएगा। हमारे देश में जो वन उनकी उगाई के लिए आदिवासियों को उत्पादों की जरूरत पड़ती है। आदिवासियों के अशिक्षित एवं विकसित होने के कारण उन्हें उत्पाद उचित मूल्य पर नहीं प्राप्त हो पाते जिससे कि उन्हें बहुत आर्थिक हानि होती है। योजना को शुरू करने का मुख्य लक्ष्य यह है कि सरकार द्वारा आदिवासियों को उचित मूल्य पर उत्पादों प्रदान किया जा सके जिससे कि वह ठीक प्रकार से वनो का उत्पादन कर सकें।

  • यह योजना सरकार द्वारा देश के आदिवासियों के लिए चलाई गई है।
  • प्रधानमंत्री वन धन योजना को शुरू करने का मुख्य लक्ष्य आदिवासियों की स्थिति में सुधार लाना है
  • इस योजना का लाभ देश के सभी आदिवासी उठा सकते हैं।
Pradhan Mantri Van Dhan Yojana

प्रधानमंत्री वन धन योजना के मुख्य तथ्य

इस योजना के मुख्य तथ्य निम्नलिखित हैं:-

योजना का नामPradhan Mantri Van Dhan Yojana
किसके द्वारा शुरू की गईश्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा
प्रधानमंत्रीश्री नरेंद्र मोदी जी
योजना का उद्देश्यआदिवासियों की स्थिति को सुधारना
योजना का लाभआदिवासियों को उत्पादों का उचित मूल्य मुहैया कराना
योजना के लाभार्थीआदिवासी
आरंभ तिथि14 अप्रैल
लोगों की संख्या300
आवेदन की प्रक्रियाऑनलाइन
अधिकारिक वेबसाइटwww.pmindia.gov.in

Pradhan Mantri Van Dhan Yojana का उद्देश्य

हमारे देश में बहुत से आदिवासी ऐसे हैं जिनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। वनों की उगाही में आदिवासियों का एक महत्वपूर्ण योगदान है। आदिवासियों को उचित मूल्य पर उत्पादों प्रदान हेतु सरकार द्वारा Pradhan Mantri Van Dhan Yojana योजना का शुभारंभ किया गया है। यह योजना सरकार द्वारा चलाई गई बेहतरीन योजनाओं में से एक है। सरकार द्वारा इस योजना के संचालन से हमारे देश का विकास होगा हमारे देश के जो आदिवासी हैं उनको सही मूल्यों पर उत्पादों मिलेगा जिससे कि वनों का विकास होगा अब हमारे देश में प्रदूषण में भी कमी आएगी इस योजना के अंतर्गत आदिवासियों को बहुत सी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।

  • योजना के अंतर्गत इन युवाओं को  इमली, महुआ भंडारण, कलौंजी की साफ सफाई, पैकेजिंग की ट्रेनिंग के अलावा इन उत्पादों से संबंधित सारी जानकारी और मार्केंटिंग सिखाई जाएगी।
  • प्रधानमंत्री वन धन योजना द्वारा जनजातीय वर्ग के युवाओं की कार्य कुशलता बेहतर होगी।
  • हर केंद्र 10 जनजातीय स्वयं सहायता का निर्माण करेगा तथा हर समूह में करीब 30 जनजातीय संग्रहकर्ता शामिल होंगे। 

मोती की खेती का हुआ उद्घाटन

हाल ही में ही खूंटी जिले के केंद्रीय मंत्री सह खून पी के सांसद अर्जुन मुंडा ने वन धन विकास योजना के तहत मोती की खेती का उद्घाटन किया है। केंद्रीय मंत्री द्वारा बताया गया कि यह एक अनूठी पहल है जिससे लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। सरकार द्वारा इस योजना को आरंभ करने का मुख्य लक्ष्य है कि जनजातियों के समग्र विकास को सुनिश्चित किया जा सके। इस योजना के माध्यम से नहीं समग्र विकास को सुनिश्चित किया जाएगा बल्कि सरकारी आदिवासी उद्यमिता को बढ़ावा भी प्राप्त होगा। इस योजना के माध्यम से 25 वन धन विकास केंद्र विकसित किए जाएंगे जिससे आदिवासियों के सशक्तिकरण को बढ़ावा प्राप्त होगा।

भवन निर्माण हेतु 43.38 लाख रुपये का किया गया आवंटन

इस योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा आदिवासियों‌ उत्पादों का उचित मूल्य लगाया जाएगा जिससे कि उनकी आय में वृद्धि होगी। सरकार द्वारा प्रधानमंत्री वन धन योजना के अंतर्गत वन धन विकास केंद्र की स्थापना की गई है।इस पहले वन धन विकास केंद्र मॉडल के कार्यान्वयन, प्रशिक्षण, प्राथमिक स्तर पर प्रसंस्करण के लिये उपकरण तथा औज़ार उपलब्ध कराने और केंद्र की स्थापना के लिये बुनियादी ढाँचे तथा भवन निर्माण हेतु 43.38 लाख रुपए का आवंटन किया गया है। एक केंद्र 10 जनजातीय स्वयं सहायता समूह का गठन करता है। प्रत्येक समूह में 30 जनजातीय संग्रहकर्ता होते  हैं। एक केंद्र के जरिये 300 लाभार्थी इस योजना में शामिल होते हैं।

संबंधित अधिनियम के‌ अंतर्गत कुछ महत्त्वपूर्ण बिंदु

इस योजना के अंतर्गत कुछ महत्वपूर्ण बिंदु‌ निम्नलिखित हैं:-

  • भारत सरकार ने पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों में विस्तार) अधिनियम, 1996 और अनुसूचित जनजाति तथा अन्य पारंपरिक वनवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 के प्रावधानों के माध्यम से इस क्षेत्र में कुछ सुधार किये है।
  • इन सुधारों के तहत उनके क्षेत्रों में पाए जाने वाले एमएफपी पर जनजातीय ग्राम सभा को स्वामित्व के अधिकार प्रदान किये गए है।
  • इकाई स्‍तर पर वनोत्‍पाद एसएचजी द्वारा एकत्रित किये जाएंगे और लगभग 30 सदस्‍यों का वन धन विकास ‘समूह’ बनाया जाएगा।
  • एसएचजी क्षेत्र में उपलब्‍ध काटने और छानने, सजाने, सुखाने और पैक करने जैसे उपकरणों का उपयोग कर प्राथमिक स्‍तर पर एमएफपी का मूल्‍यवर्धन किया जाएगा।

Pradhan Mantri Van Dhan Yojana की सुविधाएं

इस योजना के अंतर्गत मुहैया कराए जाने वाली सुविधाएं निम्नलिखित हैं:-

  • इस योजना के अंतर्गत आवश्‍यक भवन/बुनियादी ढाँचा सुविधा लाभार्थियों में से किसी एक के आवास/आवास के हिस्‍से या सरकारी/ग्राम पंचायत भवन में स्‍थापित किये जाने का प्रावधान।
  • क्षेत्र में उपलब्‍ध एमएफपी के आधार पर काटने, छानने, सजाने, सूखाने जैसे छोटे औजार/टूल किट।
  • प्रशिक्षण के लिये कच्‍चे माल के प्रावधान के साथ 30 प्रशिक्षुओं के बैच के लिये पूरी तरह से सुसज्जित प्रशिक्षण सुविधाएँ और ट्रेनी किट (बैग, पैड, पेन, विवरणिका, प्रशिक्षण पुस्तिका, पुस्तिका आदि शामिल) की आपूर्ति।
  • वित्‍तीय संस्‍थानों, बैंकों, एनएसटीएफडीसी के साथ समझौतों के ज़रिये एसएचजी के लिये कार्यशील पूंजी का प्रावधान किया गया है।
  • एक ही गाँव में ऐसे 10 एसएचजी के क्लस्‍टर से वन धन विकास केंद्र बनाना।
  • एक केंद्र में समूह के सफल संचालन के आधार पर अगले चरण में समूह के सदस्‍यों के उपयोग के लिये भवन, गोदाम जैसी सामान्‍य बुनियादी ढाँचा सुविधाएँ (पक्‍का केंद्र) उपलब्‍ध कराई जा सकती हैं।
  • इस पहल के अंतर्गत कवर किये जा सकने वाले प्रमुख गौण वनोत्‍पादों की सूची में इमली, महुआ के फूल, महुआ के बीज, पहाड़ी झाड़ू, चिरौंजी, शहद, साल के बीज, साल की पत्तियाँ, बाँस, आम (आमचूर्ण), आँवला (चूरन/कैंडी), तेज़ पट्टा, इलायची, काली मिर्च, हल्दी, सौंठ, दालचीनी, आदि शामिल हैं। इनके अलावा मूल्यवर्धन के लिये संभावित अन्य एमएफपी शामिल किये जा सकते हैं।

3,000 वन धन केंद्रों की स्थापना की गई

इस योजना के अंतर्गत पूरे देश में लगभग 30,000 स्वयं सहायता समूह को शामिल करके 3,000 वन धन केंद्रों की स्थापना की गई है। सरकार द्वारा इस योजना के तहत बीजापुर, छत्तीसगढ़ में 30-30 जनजातीय संग्रहकर्ताओं के 10 स्वयं सहायता समूह का गठन किया जाएगा एवं जनजातीय मामले मंत्रालय वन उपज के मूल्य संवर्धन के लिए छत्तीसगढ़ के बीज़ापुर में अबतक का पहला वन धन विकास केंद्र आरंभ किया जाएगा। इस योजना के माध्यम से सरकार द्वारा‌ राशियों के विकास के लिए केंद्रों की स्थापना की जाएगी जिससे कि उनको मदद मिल सके।

देश के अंतर्गत आदिवासी क्षेत्रों की सूची

इस योजना के अंतर्गत चीन क्षेत्र में आदिवासी हैं उनकी सूची निम्नलिखित हैं:-

  • आंध्र प्रदेश
  • अरुणाचल प्रदेश
  • असम
  • बिहार
  • छत्तीसगढ़
  • गोवा
  • गुजरात
  • हिमाचल प्रदेश
  • जम्मू और कश्मीर
  • झारखंड, कर्नाटक
  • मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र
  • मणिपुर, मेघालय
  • मिजोरम, नागालैंड
  • ओडिशा, राजस्थान
  • सिक्किम, तमिलनाडु
  • तेलंगाना
  •  त्रिपुरा,
  •  उत्तराखंड, 
  • उत्तर प्रदेश, 
  • पश्चिम बंगाल, 
  • अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, 
  • दादर और नगर हवेली, 
  • दमन और दीव, 
  • लक्षद्वीप और पुदुचेरी।

समूह में करीब 30 जनजातीय संग्रहकर्ता होंगे शामिल

इस योजना द्वारा आदिवासियों को सरकार द्वारा आर्थिक सहायता मुहैया कराई जाएगी। आदिवासियों के समूह बनाए जाएंगे जिनको ट्रेनिंग दी जाएगी। इस योजना के अंतर्गत बहुत प्रकार की ट्रेनिंग दी जाएगी जिससे कि आदिवासियों को बहुत मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री वन धन योजना के अंतर्गत वन संपदा से समृद्ध जनजातिय जिलों में  वन धन विकास केंद्र जनजातीय समुदाय के जरिए संचालित किए जाएंगे। हर केंद्र 10 जनजातीय स्वयं सहायता का निर्माण करेगा तथा हर समूह में करीब 30 जनजातीय संग्रहकर्ता शामिल होंगे।

Pradhan Mantri Van Dhan Yojana Benefits

इस योजना के लाभ निम्नलिखित हैं:-

  • सरकार द्वारा भीमराव अंबेडकर के जन्मदिन पर प्रधानमंत्री वन धन योजना का शुभारंभ किया गया।
  • यह योजना खास तौर पर देश के आदिवासियों के लिए शुरू की गई है।
  • इस योजना के अंतर्गत आदिवासियों उत्पादों का उचित मूल्य मुहैया कराया जाएगा।
  • सरकार द्वारा वन धन विकास केंद्र के जरिए जनजातीय वर्ग के युवाओं को  ईमली, महुआ, के फूल के भंडरण, कलौंजी की सफाई एंव अन्य माइनर फोरेस्ट उत्पाद जैसे शहद, ब्रशवुड, केन्टस, टसर और आदिवासी क्षेत्रों में पाई जाने वाली अनेक प्रकार की जड़ी बूटियों के रख-रखाव और मार्केटिंग की ट्रेनिंग भी दी जाएगी।
  • इस योजना‌ के माध्यम से आदिवासी उचित मूल्य पर उत्पादोंों का मोल भाव कर पाएंगे।
  • PM Van Dhan Yojana के माध्यम से आदिवासियों को आर्थिक सहायता भी मुहैया कराई जाएगी।
  • इस योजना छोटे से जनजातियों को उचित ट्रेनिंग देना है जिससे उनका जीवन आसान हो सके।
  • आदिवासी जनजाति के द्वारा तैयार किए गए उत्पादों को बेहतर बनाया जाएगा एवं उनका उचित मूल्य लगाया जाएगा।
  • इस योजना के जरिए आदिवासी क्षेत्र का विकास होगा एंव आदिवासी वर्ग की आय में बढ़ोतरी होगी।
  • आदिवासी जनजातीय वर्ग की कार्य क्षमता बेहतर होने  के कारण देश के विकास में बहुत मदद मिलेगी और हमारे देश का विकास होगा।

प्रधानमंत्री वन धन योजना की विशेषताएं

इस योजना की विशेषताएं निम्नलिखित है:-

  • प्रधानमंत्री वन धन योजना योजना का शुभारंभ सरकार द्वारा 14 अप्रैल को किया गया है।
  • सरकार द्वारा आदिवासियों के उत्पादों का सही मूल्य लगाया जाएगा एवं इससे उनकी आय में वृद्धि होगी। ‌
  • आदिवासियों के जीवन को बेहतर बनाना इस योजना का मुख्य उद्देश्य है।
  • हमारे देश में आदिवासियों की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है जिसके कारण सरकार ने बहुत सी योजनाएं उनके लिए शुरू की है।
  • इस योजना के माध्यम से आदिवासियों को ट्रेनिंग भी प्रदान की जाएगी।
  • सरकार द्वारा इस योजना के माध्यम से आदिवासियों की आय में वृद्धि होगी।
  • वन क्षेत्र में रहने वाले आदिवासी के लिए, लघु उत्पादन उनकी जीवन यापन का एक मात्र जरिया है। इसी कारण सरकार ने यह योजना शुरू की है।
  • इस योजना के माध्यम से आदिवासियों को अनेक प्रकार की ट्रेनिंग दी जाएंगी।
  • यदि कोई आदिवासी योजना के अंतर्गत आवेदन करना चाहता है उसे पात्रता के अनुरूप होना अनिवार्य है।
  • PM Van Dhan Yojana के अंतर्गत आवेदन करने हेतु लाभार्थी को इसकी आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा।

Pradhan Mantri Van Dhan Yojana की पात्रता

वह सभी व्यक्ति को इस योजना के तहत आवेदन करना चाहते हैं तो उन्हें नीचे दिए गए पात्रता मानदंड को पूरा करना होगा:-

  • इस योजना के अंतर्गत आवेदन करने हेतु लाभार्थी को भारत का मूल निवासी होना अनिवार्य है।
  • लाभार्थी गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करता हो।
  • सरकार द्वारा तय किया कि मापदंडों के अनुसार इस योजना का लाभ मिलेगा।
  • इस योजना के अंतर्गत केवल आदिवासी आवेदन कर सकते हैं।

Important Documents

प्रधानमंत्री वन धन योजना के अंतर्गत आवेदन करने हेतु मुख्य दस्तावेज‌ निम्नलिखित हैं:-

  • आधार कार्ड
  • पैन कार्ड
  • आय प्रमाण पत्र
  • जाति प्रमाण पत्र
  • निवास प्रमाण पत्र
  • पासपोर्ट साइज फोटो

Pradhan Mantri Van Dhan Yojana 2024 के अंतर्गत आवेदन करने की प्रक्रिया

वह सभी व्यक्ति जो प्रधानमंत्री वन धन योजना के तहत आवेदन करना चाहते हैं उन्हें अभी थोड़ा इंतजार करना होगा। क्योंकि सरकार द्वारा हाल ही में ही इस योजना को आरंभ किया गया है। इस योजना के तहत आवेदन की प्रक्रिया को अभी आरंभ नहीं किया गया है। जैसे ही सरकार द्वारा इस योजना के तहत आवेदन की प्रक्रिया को आरंभ किया जाएगा वैसे ही हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से आवेदन की प्रक्रिया के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे। यदि तब तक इस योजना के तहत कोई भी कठिनाई अमन में कोई भी प्रश्न आता है तो आप हमसे नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछ सकते हैं।

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